Aab Maani Jaau आब मानि जाउ: मैथिली उपन्यासApoorva Chandram |
عبارات ومصطلحات مألوفة
अछि जे अपन अहाँ आँखि आइ आब आबि आयल एक एकटा एतेक एहन एहि ओ अपन ओकर ओकरा ओहि कतेक कनिञा कनेक कर करत करय करैत कहि कऽ का कि किएक किछु की कुलदेवा केर कैक कोना कोनो गप गिरधर गेल छल गेलैक अछि घर छथि छल छलाह छलि छी छैक जँ जकाँ जखन जाइत जाय जायत जे ओ जेना टा तँ तखन तऽ तें तैयार थीक दिन दिस देने देल देलक दैत दोसर धरि धुन्नी नहि नीक ने नै नै छल पर पैघ प्रेमनाथ फेर बड़ बाजल बाजलि बात बुचिया बुचिया माइ बुचीदाइ बूझि बेटा बेटी बेर बेसी ब्याह भगीरथ बाबू भऽ गेल भऽ गेलैक भऽ रहल भेल माइ माइक माथ मुदा मोन रहय रहल अछि रहल छल रहल छलैक रहि लए लऽ लागल लेने लेलक लोक शुरू संग सकल सकैत सनक सभ सभटा सरबन से सेहो सोनपुरक हम हमर हमरा हाथ हाथी हुनका होयत