मानिक चन्द्र राजार क्यु मास परमाइ दफ्तर नागाइल पाइल | वेन्ना मुख हैये समन राजाक वलिव र लागिल ॥ ३८ सति राजा हइल राज्येर भितर । सेइ राजाक लैया आइस यमालयेर भितर ॥ ३६ २९ । नागिया = लागिया ॥ ३१ । निरा = निरशन (१) । ३२ । थान = स्थान || ३४ । साप == शाप || ३५ | सांचो == शाप ॥ U आवाल यमके डाकिवार लागिल । गोदा यमेर नामे चिठि हाम्रोलात कैरे दिल || ४० तोक वलों गोदा यम वाक्य मोर धर । हाते गले मानिक चन्द्र राजाक वान्धिया हाजिर कर ॥ तखने गोदा यम चलिल हाठिया ॥ कत दुरे येथे गोदा कत पाछा पाय । तोक वलों ये नेङ्गा पात्र वाक्य मोर धर । केने केने नेङ्गा आइलेन कि कारन ॥ ४१ ४२ ४३ ४४ ४५ ४७ ४८ ४६ येन घड़ि मयना मति चतुरार वाहिर हइल | सात दिया सात जना गर्जिया सान्दाइल | चामेर दड़ा दिया वान्धिल । लोहार मुद्गर दिया डाङ्गाश्वार लागिल || के मारेन यामाक विस्तर करिया । तोर माझ्या पाइयाछे गोरकनाथेर वर । मय्ना वलिया राजा दिल जीउ काड़िया ॥ ऐ जीउ निले गोदा यम नांठित वान्दिया । ऐत मयना गङ्गार तीरे गेल चलिया ॥ ६७ ६ह ས ७१ ७२ ७३ ७४ ७५ ७६ ৩৩ स्यामि हारा हया रे । आर कत दिन रव चायारे ॥ धुया ॥ ८३ महलत लागिया मयना चलिल हाटिया | येन मयना मति मन्दीरे सान्दाइल | आग प्रदीप पाक प्रदीप लागाइया दिल ॥ छयु मास ओसार नदी वरत पड़े खेया । विधि आमार दुःखेर कपाल । येमन विन्दार गोपाल || यदि आमार गुरु सहाय थाके । धरम हाइल धरे, भाङ्गा नौका छिड़ा काछि गुरु लाइगाव किराने ॥ धुया | परिधानेर साड़ी बर्द्ध खान मयुना मती दिल जलत विछाया । योग आसन धरिल मयना धरम सरन करिया ॥ तुडु तुड़ करिया मयना डङ्कार छाड़िल | छय मासेर दरिया छयु दण्डे पार हइल | ८३ । स्यामि = स्वामी ॥ ८६ । वछरत = वत्सरे ॥ ८४ વ્યૂ ६ ८८ | किराने = Gjlis 1 |