मोर कथा कन यदि मयनार वरावर | एक सत्य दुइ सत्य तिन सत्य हरि | धुप सिन्दुर नेन पातिल भरिया । रविवार दिन निरा थाकिया पारनी गङ्गा यान चलिया ॥ धर्मरे थान गङ्गा किनारे वान्धिया । रविवार दिन लोके सांत्री दिल | फिर मङ्गलवारे चित्र गोविन्द दफ्तर खुलिल ॥ सति राजा हइल राज्येर भितर । सेइ राजाक लैया आइस यमालयेर भितर ॥ २७ २८ २६ ३० ३१ ३२ ३३ ३४ ३५ ३६ ३७ मानिक चन्द्र राजार क्यु मास परमाइ दफ्तर नागाइल पाइल | वेन्ना मुख हैये समन राजाक वलिव र लागिल ॥ ३८ ३६ २९ । नागिया = लागिया ॥ ३१ । निरा = निरशन (१) । ३२ । थान = स्थान || ३४ । साप == शाप || ३५ | सांचो == शाप ॥ U आवाल यमके डाकिवार लागिल । गोदा यमेर नामे चिठि हाम्रोलात कैरे दिल || तोक वलों गोदा यम वाक्य मोर धर । कत दुरे येथे गोदा कत पाछा पाय । तोक वलों ये नेङ्गा पात्र वाक्य मोर धर । केने केने नेङ्गा आइलेन कि कारन ॥ नेजा वले सान मा सोन समाचार | हेट खिलि उपर खिलि माझ्ल्ले तुलिया || ४० ४१ ४२ ४३ ४४ ४५ ४७ ४८ ४६ ५० ५१ ५२ ५३ ४७ | रैया = रचिया ॥ शोल पुटि ज्ञान दिले खिलित भरिया । । केने केने महाराजा डाकिले कि कारन ॥ छय मासेर काहिला राजा महलेर भितर । जने राजा कि करिम घर जुयान हुइया ॥ જૂ પૂ ५६ ५७ પૂર પૂ ६० ६९ ६२ ६३ ६४ गर्भ ॥ ६१ | दुपर एइ कथा सुनिया मयुना रोदन करिवार नागिल | ॥ विधि आमार दुःखेर कपाल । येमन विन्दार गोपाल || धरम हाइल धरे, भाङ्गा नौका छिड़ा काछि परिधानेर साड़ी बर्द्ध खान मयुना मती दिल जलत विछाया । तुडु तुड़ करिया मयना डङ्कार छाड़िल | कपाले सिन्दुर मझ्लान देखिल ॥ लक्ष टाकार दुइ मुठ सांखा मस्तके भाङ्गिल ॥ ८२ स्यामि हारा हया रे । आर कत दिन रव चायारे ॥ धुया ॥ ८३ महलत लागिया मयना चलिल हाटिया | ८१ ८४ વ્યૂ ६ ह१ ८८ | किराने = Gjlis 1 |