वयस काले युवती राड़ी निते कलङ्क राम्रो | २४४ | गावरानी अर्थात् गर्भिन्यवस्था || २४६ | रवे == रहिवे || २४७ । नित्ते = नित्यं ॥ २४० 1 आउ टाक माथार केस मुइ फेलाओ मुड़िया ॥ २६२ हातत तुम्वा गलात केन्या उदासीनी हम | तोमार पाछेर गिया भिक्षा मागि खामु ॥ २६३ स्यामेर वासिरे मन मजालुरे रया रया नयान भोरे ॥ घुया ॥ २६४ के कय ए गुला कथा के चार पश्ताय । नित कलङ्क मरन हउक स्यामिर पदतल ॥ तुमि हव वट वृक्ष आमि तोमार लता । राङ्गा चरन वेड़िया लमु पालाइया यावु कोथा ॥ छिनु आमि मा वापर घरे । तखन केने धर्म्मि राजा ना गेलेन सन्यासि हइये ॥ २७४ | तेजिम - त्याग करिव ॥ कत काल राखिमु यौवन वान्दिया छान्दिया । निरवधि झोड़े प्रान स्यामी वलिया || २७७ आमाक विवाह करिया यात्रो वल चलिया कान्दो तामार लागि । आछिल फल ये पुरुस ना खाय चौद्द गोण्डा रसातले यायु ॥ २८७ ॥ २६३ २९४ २६५ पुत्र धनक देखिया तोमाक पासरिमु ॥ चिनि चाम्पा कलह नय जलत माखि खामु | केालात वसाइय़ा कन्या आमाक वलिस पुत । ज्यामि वलिनु छलेर कथा तुमि चाइलेन दुद | |