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४०४ | विसासर = विश्वेश्वर । विश्वेश्वर । ४०५ | तालीम खाना = ails pilai डाक्टर हस्थी ॥ ४०८ | हाति = ४१५ | भेाम = भूमि ||
===== Doctor ॥
४१६
४०० ।
सकल चुल कामाइ राइख वंम चलि ।
अवस्य उड़ाइवु हारिवु केन्था लि ॥
४१७
क्षुर तुलिया एक सत दिन राजार केस मृत्तिकाय पड़िल |
भिक्षा वलिया राजार वेटा कान्दिवार लागिल । हाति घोड़ा दण्ड छत्र गोलाम खेतु भिक्षा दिल |
ऐ भिक्षा गुरुर चरनत दिया परनाम करिल ॥
४३२
या या राजार वेटा तामाक दिनु वर ।
तिन कोन पिर्थिवि टलिया गेले ना या यमर घर ॥
४३३