भिजा वस्त्र चिपिया दिले ऐ राजा मुख खानर उपर । मुख धरिया कान्दे राजा वेलार दुइ पहर | घाड़त हस्त दिया राजाक वाहेर कैरे दिल ॥ व्याजि कालि करिया वार वत्सर हइल ॥ सिकिया वाकुया निले दुइटा जलर हाड़ि | इलाम वुड़ा मार वचनत ॥ येन मत धर्म्मि राजा कन्यार नाम लैल कारन करिया कन्या कान्दिवार लागिल ॥ वार वत्सर गेल स्यामि याओ ना करिया । तेर वत्सर भाल हुइल बसिया ॥ आजि केन हस्तर पसार पड़िल आउलीया । ना जानि सोयामी धन गेल मरिया || दुति गो कि मते वाहिर हमु । दुखर कथा काइल सकालत निरलत कमु || वृन्दावनत वाजे वांसि । ॥ धुया ॥ |